Delhi Government has delivered sustainable development and demands land registry and citizens’ title right. It rejects the dirty age-old land politics without development where BJP, the new Congress, plays with people’s trust and lives #UACPolitics #DelhiGovernance #AAPatWork

मुख्यमंत्री कार्यालय

दिल्ली सरकारदिल्ली

 

नई दिल्ली : 27/11/2019

सिर्फ सौ लोगों को नहींपूरी दिल्ली को मिलनी चाहिए रजिस्ट्री – सीएम श्री केजरीवाल
– कच्ची कालोनियों पर राजनीति नहीं रजिस्ट्री चाहिए – सीएम श्री केजरीवाल
– कच्ची कालोनियों को नियमित कर तीन दिन में में खोले रजिस्ट्री – सीएम श्री केजरीवाल

– दिल्ली मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि कच्ची कालोनियों पर राजनीति नहीं रजिस्ट्री चाहिए। उन्होंने कहा कि  एक दो दिनों से अखबारों में जिस तरह की खबरें आ रही है, उससे पता चलता है कि विधानसभा चुनाव से पहले सिर्फ सौ लोगों को रजिस्ट्री देकर फोटो खिंचाने की तैयारी है। यह तो पूरी तरह से धोखा और दिखावा है। मेरी फिर से केंद्र सरकार से अपील है, दिल्ली की कच्ची कालोनियों में रहने वाले हर व्यक्ति के हाथ में रजिस्ट्री दी जाए। इसपर सिर्फ राजनीति न हो। सीएम ने कहा विधानसभा चुनाव नजदीक देख भाजपा भी कच्ची कालोनियों में गई। जहां लोगों ने आम आदमी पार्टी के काम गिनाने शुरू कर दिए। इसके बाद केंद्र सरकार कच्ची कालोनियों को पक्का करने का बिल संसद में पेश करने को मजबूर हो गई। लेकिन अब फिर से जनता के साथ धोखा करने की तैयारी है। सौ लोगों को रजिस्ट्री देकर अन्य लोगों को चुनाव बाद रजिस्ट्री देने की बात हो रही है। यह काम तो कई दशकों से हो रहा है। चुनाव में रजिस्ट्री देने का वादा होता है। चुनाव बाद फिर अगले चुनाव में आने को कह दिया जाता है। सीएम ने कहा कच्ची कालोनियों में रहने वाले यह सब कई वर्षों से देख रहे हैं। उन्हें फिर चुनाव दर चुनाव के छलावे में रखना ठीक नहीं है। केंद्र सरकार को कालोनियों को वैध घोषित कर तीन दिन में सभी को रजिस्ट्री देने की प्रक्रिया प्रारंभ कर देनी चाहिए।

हम जब खड़े हो कर कच्ची कोलोनियों में विकास करवा रहे थे, तब कहा थी भाजपा – सीएम केजरीवाल

सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि  पांच साल पहले कच्ची कालोनियों का हाल बेहाल था। मैं 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान कच्ची कालोनियों में जाता था तो वहां रह रहे लोगों की परेशानी से रू ब रू होता था। मैंने तभी लोगों से वादा किया था कि सरकार बनने के बाद कच्ची कालोनियों को नरकीय जीवन से बाहर निकाला जाएगा। पिछले पांच साल में कच्ची कालोनियों का कायापल्ट हुआ है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार बनने के बाद कच्ची कालोनियों को पक्का करने और विकास के लिए काम तेज हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा, अब एक दो माह से सुन रहा हूं कालोनियों को पक्का कराएंगे। मैं पूछता हूं, पांच साल में क्यों नहीं कराए। मैं पांच साल नाली, सड़क बनवा रहा था तब कहां थी केंद्र सरकार। पांच साल पहले केंद्र सरकार कहां थी, अब दो माह से कच्ची कालोनियां याद आ रही है। हमने कच्ची कालोनी में इतना काम हुआ कि भाजपा वोट मांगने लायक नहीं । इसी कारण उन्हे कच्ची कालोनियों की याद आ रहा है। लेकिन हमें इससे परेशानी नहीं है,  हमें तो तुरंत रजिस्ट्री चाहिए। सीएम ने कहा हम जब कच्ची कालोनियों म़े खड़े होकर पानी सीवर का पाइप डलवा रहे थें, नाली और सड़के बनवा रहे थे, तब भाजपा कहां थी? दिल्ली की तो छोटी सरकार है, केंद्र सरकार तो बहुत बड़ी है, उसने क्यों नहीं काम किया। जब अरविंद केजरीवाल ने पांच साल में काम कराकर इन कालोनियों को बदला तो उन्हें इन कालोनियों की याद आ गई  है।

कई पत्र लिखें, दबाव बनाया तब लाए बिल – श्री  अरविंद केजरीवाल

श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा हमने कच्ची को पक्का करने का दिल्ली में सरकार बनते ही प्रस्ताव भेजा। चार साल केंद्री सरकार सोती रही। हमने खुब पत्र लिखा, खुब दबाव बनाया। जिसके बाद केंद्र सरकार कच्ची कालोनियों को पक्का करने का बिल लेकर आई। हमने सेटलाइट मैप 2015 में भेजा। उसे मानने से मना कर दिया। रजिस्ट्री न करानी पड़े इसके लिए फिजिकल पैमाइश मांगे। अब केद्री सराकर हमारी सेटलाइट पर ही रजिस्ट्री की बात कर रही है। सीएम ने कहा कि अगर यही करना था तो चार साल की देरी क्यों हुई।

सौ या पांच सौ को नहीं, पूरी दिल्ली को दें रजिस्ट्री – श्री  अरविंद केजरीवाल

सीएम ने कहा दो – तीन दिनों से कई अखबारों में कच्ची कॉलोनियों को ले कर छपी खबरों ने एक बात सामने आ रही है कि केंद्र सरकार की इस पूरे प्रक्रिया के अंत में, चुनाव से पहले सिर्फ 100 या 500 लोगों को रजिस्ट्री दिलवाई जाएगी। रजिस्ट्री दिलवाने का महज सांकेतिक काम किया जाएगा। खबरों के मुताबिक भाजपा चुनाव के बाद ही अन्य लोगों को रजिस्ट्री देगी। इससे ये सवाल उठता है की ये 100 या 500 लोग कौन होंगे? और दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में रहनेवाले लाखों लोग जो रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे हैं उनका क्या कसूर? उनको क्यों नहीं मिलनी चाहिए रजिस्ट्री? इससे ये साफ होता है की भाजपा भी कांग्रेस की राह पर चल रही है। कांग्रेस ने 2008 के चुनाव से ठीक पहले इसी तरह से प्रोविजनल सर्टिफिकेट बांटे थें। भाजपा सौ लोगों की रजिस्ट्री कराकर जनता के आंखों में धूल झोकने का काम करने जा रही है। इससे साफ है कि भाजपा की नियत खराब है। यह सिर्फ चुनावी दाव है। भाजपा लोगों की रजिस्ट्री कराना नहीं चाहती। वह लोगों को सिर्फ बेवकूफ बनाने में लगी है।

Delhi Government provides roads, water, sewerage, drains and infrastructure in unauthorized colonies with 22-35 fold governance impact through 8-fold expenditure increase #JoKahaSoKiya #DelhiGovernance #AAPatWork

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नई दिल्ली : 27/11/2019

दिल्ली सरकार ने 2015 से 2019 तक 8147 करोड़ रुपये खर्च कर कच्ची कालोनियों का कायापलट किया – श्री  अरविंद केजरीवाल


–  2009 से 2014 तक कच्ची कालोनियों पर महज 1186 करोड़ रुपये हुए खर्च – श्री सीएम केजरीवाल
–  केजरीवाल सरकार ने पिछली सरकारों से लगभग आठ गुना अधिक खर्च कर कच्ची कालोनियों में विकास किया

– जिस तरह पांच साल में कच्ची कालोनियों में विकास हुआ उतना सत्तर साल में कभी नहीं हुआ। आम आदमी पार्टी से पहले की सरकार की नियत खराब थी। वह विकास करना नहीं चाह रही थी। आम आदमी पार्टी की सरकार ने वर्ष 2015 – 2019 तक 8147 करोड़ रुपये खर्च कर कच्ची कालोनियों का कायापलट कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा जिस तरह पांच साल में कच्ची कालोनियों में विकास हुआ, वह पहले भी हो सकता था। लेकिन पहले की सरकारों की नियत साफ नहीं थी। इसे इस बात से भी समझा जा सकता है  कि  वर्ष 2009 से 2014 तक कच्ची कालोनियों पर महज 1186 करोड़ रुपये खर्च हुए। जबकि आम आदमी पार्टी ने लगभग आठ गुना अधिक खर्च कर कच्ची कालोनियों में विकास कराई।

मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा दिल्ली में नौकरी की तलाश में लोग आते गए। तीस चालीस साल में बहुत ज्यादा लोग आए। डीडीए की जिम्मेदारी थी सस्ते घर दिलाने की। उसने उतने घर नहीं बनाए, इस कारण कच्ची कालोनियां विकसित हो गई। सत्तर साल तक अन्य सरकारों ने काम नहीं किया, इस कारण इन कालोनियों में विकास नहीं हो पाया। सीएम ने कहा कच्ची कालोनियां रहने लायक़ नहीं थी। हमने पांच साल में कच्ची कालोनियों में रहने वालों को सम्मान दिलाया। हमने सड़कें बनवाई नालियाँ बनवाई। जिससे बरसात का पानी घर में जाना बंद हुआ। सीवर की लाइनें डलवाई। 24 घंटे बिजली की व्यवस्था कराई गई। दो सौ यूनिट मुफ्त बिजली दी गई। 20 हजार लीटर मुफ्त पानी दिया गया। इससे कच्ची कालोनी में रहने वालों का जीवनस्तर भी दिल्ली के अन्य हिस्सों में रह रहे लोगों के बराबर हुआ। आज कच्ची कालोनी में रहने वाले भी गर्व से कह सकते हैं कि हम दिल्ली का हिस्सा हैं।

कच्ची कालोनियों में रहने वालों का जीवन बदलने का वादा पूरा किया  – श्री  अरविंद केजरीवाल

सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि  पांच साल पहले कच्ची कालोनियों का हाल बेहाल था। मैं 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान कच्ची कालोनियों में जाता था तो वहां रह रहे लोगों की परेशानी से रू ब रू होता था। मैंने तभी लोगों से वादा किया था कि सरकार बनने के बाद कच्ची कालोनियों को नरकीय जीवन से बाहर निकाला जाएगा। पिछले पांच साल में कच्ची कालोनियों का कायापल्ट हुआ है। सड़कों का निर्माण कराया गया। सीवर लाईन डलवाया गया। अब 24 घंटे व दो सौ यूनिट तक मुफ्त बिजली मिल रही है। लोगों को मुफ्त पानी मिल रहा है। सीसीटीवी कैमरे लग गए। विधायक निधि से कच्ची कालोनियों में गेट लगवाया गया। मोहल्ला क्लीनिक का सबसे ज्यादा फायदा इन कालोनियों में रह रहे लोगों को हो रहा है। पिछले पांच साल में कच्ची कालोनियों में रह रहे लोगों का जीवन स्तर बिल्कुल बदल गया है। सरकारी स्कूलों में बच्ची अब निजी स्कूल के स्तर की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।  हमने 8 हजार करोड़ से अधिक रुपये खर्च कर पानी, नाली, सीवर व बिजली की व्यवस्था कर दी। कच्ची कालोनियों में स्ट्रीट लाइट पर भी नियम बना दिया गया है। अब सभी स्ट्रीट लाईट के रखरखाव की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार करेगी।  दिल्ली की कच्ची कालोनियों में स्थित सेप्टिक टैंक की मुफ्त सफाई भी अब दिल्ली सरकरा कराएगी। इस तरह कच्ची कालोनियों में रहने वालों का जीवन बदलने का वादा पूरा किया।
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कच्ची कालोनी में रहने वालों को दिलाया सम्मान का जीवन – श्री अरविंद केजरीवाल

श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा  कि पांच साल पहले जब मैं कच्ची कालोनियों में जाता था तो लोगों का हाल देख बेहद पीड़ा होती थी। लोगों के घरों में बारिश का पाना जाता था। सड़कें नहीं थी। आलम यह था कि लोगों के लड़कों की शादी तक नहीं होती थी। लड़की वाले आते थें और कच्ची कालोनियों का हाल देखकर लौट जाते थें। कच्ची कालोनी में रहने वालों के साथ सौतेला व्यवहार होता था।
सीएम ने कहा कि पांच साल में कच्ची कालोनियों में रहने वालों को सम्मान दिलाया गया। हमने सड़कें बनवाई। जिससे बरसात का पानी घर में जाना बंद हुआ। सीवर लाईन डलवाया। 24 घंटे बिजली की व्यवस्था कराई गई। दो सौ यूनिट मुफ्त बिजली दिया गया। 20 हजार लीटर मुफ्त पानी दिया गया। इससे कच्ची कालोनी में रहने वालों का जीवनस्तर भी दिल्ली के अन्य हिस्सों में रह रहे लोगों के बराबर हुआ। आज कच्ची कालोनी में रहने वाले भी गर्व से कह सकते हैं कि हम दिल्ली का हिस्सा हैं।

कच्ची कालोनियों से जुड़े आंकड़े
दिल्ली में कुल कच्ची कालोनियां –  1797

सड़क नाली निर्माण के तुलनात्मक आंकड़े
2009 – 14 – 309 कालोनियों में सड़क नाली बनी, कुल – 811 करोड खर्च
2015 – अब तक  – 1281 कालोनियों  में सड़के और नाली बनी, कुल – 4312 करोड़ खर्च हुए।

पानी पाइप लाईन
2002 – 2009 – मात्र 45 कालोनियों में पानी की पाईप लाईन डली
2009 – 2014 – 245 कालोनियों में पानी की पाईप लाईन डली
2015- अब तक  – 579 कालोनियों में पाईन की पाईप लाईन डली
कुल खर्च – 391 करोड़ रुपये

अब तक 1554 कालोनियों में पानी पाईप लाईन डल गई है। 250 कालोनियां बची हैं। 50 में व्यवहारिक समस्या के कारण पानी की लाईन डाल नहीं सकते। एक साल में सभी दो सौ कालोनियों में पाईन की पाईप लाईन डल जाएगी।

सीवर
2009 – 2014 – केवल 34 कालोनियों में सीवर लाईन डली
2015 – 2019 तक –  903 कालोनियों में सीवर लाईन डली।
कुल 3444 करोड़ खर्च

नोट – कुल 1130 कालोनियों में सीवर डल गई है। बाकि जगह एक दो साल में सीवर लाईन डाल दिया जाएगा।

कच्ची कालोनी विकास पर खर्च
2009 – 2014 – 1186 करोड़
2015 – 2019 –  8147 करोड़